PN जंक्शन का अभिनति( Biasing of PN Junction)
PN जंक्शन की Biasing दो प्रकार से किया जा सकता है जो निम्नलिखित रूप से इस प्रकार है !
(1) अग्र-अभिनति( Forword Biasing)- इस प्रकार की बायसिंग में PN जंक्शन डायोड का P-टर्मिनल को बैटरी या वोल्टेज स्रोत (Source ) के धनात्मक सिरे तथा N-टर्मिनल को बैट्री के ऋणात्मक सिरे से संयोजित किया जाता है! Forward Biasing में बैट्री द्वारा संधि(Junction) पर उत्पन्न विधुत क्षेत्र बैरियर पोटेंशियल की विपरीत दिशा में होता है जिसके कारण बैरियर की तीव्रता कम हो जाती है तथा बैरियर पोटेंशियल कम हो जाता है जंक्शन पर बैरियर विभव होने के कारण P- क्षेत्र से होल्स तथा N- क्षेत्र से इलेक्ट्रॉन जंक्शन पार कर जाते है जैसे ही N- क्षेत्र से इलेक्ट्रॉन जंक्शन पार करते है वैसे ही बैट्री के ऋणात्मक सिरे से इलेक्ट्रॉन N- क्षेत्र में पँहुच जाते है और जब इलेक्ट्रॉन जंक्शन पार करके P- क्षेत्र में जाते है तब P- क्षेत्र से होल्स N- क्षेत्र में संयोग या ड्रिफ्ट कर जाते है इस प्रकार PN जंक्शन डायोड में तथा परिपथ में धारा का प्रवाह होने लगता है Forward बायस में PN जंक्शन पर डिप्लेशन लेयर की चौड़ाई कम हो जाती है
(2) पश्च-अभिनति(Reverse Biasing)- इस प्रकार की बायसिंग में P-Type Material को बैट्री के ऋणात्मक टर्मिनल से संयोजित किया जाता है तथा N-Type Material को बैट्री के धनात्मक सिरे से संयोजित किया जाता है P- क्षेत्र के होल्स बैट्री के ऋणात्मक टर्मिनल तथा N-क्षेत्र के इलेक्ट्रॉन बैैैट्री के धनात्मक टर्मिनल की ओर आकर्षित होते है जिसके कारण जंक्शन पर Depletion क्षेत्र की चौड़ाई अधिक हो जाती है और बैट्री द्वारा उत्पन्न विधुत क्षेत्र बैरियर विभव के विधुत क्षेत्र की दिशा में ही रहता हैं जंक्शन पर एक शक्तिशाली बैरियर उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण जंक्शन पर चालन नही होता ! रिवर्स बायसिंग में माइनॉरिटी कैरियर के कारण परिपथ में एक क्षणिक सूक्ष्म धारा प्रवाहित होती है जिसे रिवर्स धारा कहते है !
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