प्रतिरोध (Resistance )

प्रतिरोध (Resistor )
“किसी  भौतिक पदार्थ के उस गुण को जिसके कारण इलेक्ट्रॉन या विधुत धारा के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न होता है  Resistor कहलाता है ! तथा Resistor का यह गुण Resistance कहलाता है इसका मात्रक  Ohm Ω होता है! इसका Symbol नीचे Image में दिया गया है!


symbol of resistor


किसी भी परिपथ मे उसके तय करंट से ज्यादा सप्लाइ देंगें तो परिपथ खराब या जल जाएगी या heat होगी  ! तो इस समस्या से परिपथ को बचाने के लिए उस परिपथ मे उचित मान का Resistance लगा देते है जिससे परिपथ मे उतनी ही करंट प्रवाहित होती है जितनी उस परिपथ को चाहिए ! जिस वजह से परिपथ सुरक्षित हो जाता है !
Resistance मुक्य रूप से इन स्रोत पर निर्भर करता है!

1:-चालक तार की लंबाई 
2:-चालक तार की मोटाई
3:-चालक तार का तापमान


                             R=(ρ*l)/a  

     👉 जहाँ :- lलम्बाई है तार की 
                     a = मोटाई है तार की                                                       ρ = एक Constant है जिसे Resistivity कहा जाता है! 

किसी भी Circuit में Resistance पता करने के लिए हम Ohm’s Law का प्रयोग करते है. Ohm’s Law के अनुसार यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थायें जैसे लंबाई, ताप तथा दाब अपरिवर्तित रहे तो उसके सिरो के बीच विभवान्तर उसमे प्रवाहित होने वाली धारा के अनुक्रमानुपती होता है!  

ओम का नियम(ohm's law) 
                                   V ∝ I
                                         
 V=IR  

इस Formula के द्वारा आप वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध का मान निकाल सकते हैं।
V = विभान्तर(Voltage), इकाई Volt(V) होता हैं
I = धारा(Current), इकाई Ampere(A) होता  हैं
R = प्रतिरोध(Resistance), इकाई Ohm(Ω) होता  हैं
यदि आपको विभवांतर अर्थात voltage का मान ज्ञात करना है तो इसका सूत्र 
Formula:- V=I×R होगा !
उदाहरण  1: यदि I=4A और R=6Ω हो तो Voltage(V) क्या होगा?
Formula:- V=IxR
या, V = 4 ×6
या, V = 24 volts
यदि आपको धारा अर्थात Current का मान पता करना है तो
Formula:- I=V/R
उदाहरण  2: यदि V=12 V और R=6 Ω हो तो Current(I) क्या होगा?
Formula:- I=V/R
 I = 12/6
 I = 2 Ampere 
यदि आपको प्रतीरोध अर्थात  resistance का मान ज्ञात करना है तो इसका सूत्र 
Formula:- R=V/I   होगा 
उदाहरण  3: यदि V=12V और I=3A हो तो Resistance(R) क्या होगा?
Formula:- R=V/I
या, R = 12/3
या, R = 4Ω 

Resistance वोल्टेज से Directly Proportional होता है! और Current से Inversely Proportional है यह सूत्र (formula) डायरेक्ट करंट(DC) के लिए सीधे तरीके से इस्तेमाल होता है.

1– एक कंडक्टर का प्रतिरोध R इसकी लंबाई के लिए सीधे आनुपातिक(Directly Proportional  है।
              R ∝ L
             R=Resistance(प्रतिरोध)             
            L=Length(लंबाई)
2 – कंडक्टर के क्रोस-सेक्शन क्षेत्र के विपरीत यानी आनुपातिक (Inversely Proportional) है।
            R= p(L/A)Ω
R=Resistance(प्रतिरोध)
P=Resistivity of the Conductor(वाहक की प्रतिरोधकता)
L=Length of the Conductor(वाहक की लम्बाई)
A=Cross section Area(पार-अनुभाग क्षेत्र)

Resistors के प्रकार

  • कार्बन कम्पोजीशन प्रतिरोधक – Carbon Resistance
  • वायर वाउण्ड प्रतिरोधक- Wire Bound Resistance
  • वेरिएबल प्रतिरोधक – Variable Resistance
  • फिक्स प्रतिरोधक – Fixed Resistance
  • प्रिसेट प्रतिरोधक – Preset Resistance
  • टेप्ड प्रतिरोधक – Tapped Resistance
  • चिप प्रतिरोधक – Chip Resistance
  • नेटवर्क प्रतिरोधक – Network Resistance
  • थर्मिस्टर – Thermistor
  • वोल्टेज डिपेंडेंट प्रतिरोधक – Voltage Dependent Resistance
  • लाईट डिपेंडेंट प्रतिरोधक – Light Dependent Resistance
Resistance मुख्यतः दो प्रकार के होते है जो निम्न  प्रकार से है!
 
(a):    
Fixed Resistor(
निश्चित प्रतिरोध) 
(b):
 
Variable Resistor( परिवर्तनशील प्रतिरोधक)

                (a): Fixed Resistor(निश्चित प्रतिरोध)      
 

Fixed Resistor एक प्रकार के लीनियर Resistor  होते हैं। Fixed Resistors उस Resistor को कहा जाता है जिन का मान Fixed  होता है। Fixed Resistors मान हम अपने अनुसार  बदल नहीं सकते है क्योंकि Fixed Resistors के मान को  बनाते समय ही उसका मान निर्धारित कर दिया जाता है।



जैसे - 100 Ω, 1 Ω, 330 Ω, 1k Ω


Fixed Resistor के प्रकार -

1. Carbon Composition Resistor - इस Resistor मे कार्बन और क्ले को मिलाकर बनाया जाता है. तथा इस Mixture को एक प्रतिरोधक तत्व (जैसे ग्लास)के रूप में प्रयोग किया जाता है इस मिश्रण की प्रतिरोधकता मिश्रण मे चालकता वाले पदार्थ को कंट्रोल करके घटाई या बढ़ाई जा सकती है प्रतिरोधक तत्व मे तांबे का तार संयोजित करके ऊपर से पेंट कर दिया जाता है इसके बाद इसके मान को प्रदर्शित करने के लिए Colour Coding कर दी जाती है!   


2. Wire Wound Resistor : इन रजिस्टर में Insulating Core या Rod के चारों तरफ एक Resistive Wire लपेटी होती है! और यह Wire ज्यादातर Tungsten, Manganin, Nichrome या Nickel और Nickel Chromium Alloy की बनी होती है. और इन प्रतिरोधको की Insulating Core Or Rod चीनी मिट्टी के बरतन, बैकेलाइट, प्रेस बांड पेपर या सिरेमिक मिट्टी सामग्री बनी होती है! यह प्रतिरोधक काफी महंगे होते हैं और इन्हें किसी खास सर्किट में ही इस्तेमाल किया जाता है! जैसे कि Wheatstone Bridge.





3. Carbon Film Resistorsकार्बन फिल्म प्रतिरोध में कार्बन की पतली परत होती है जो प्रतिरोधक तत्व के रूप मे प्रयोग किया जाता है इस प्रकार के प्रतिरोधों को बनाने के लिए सबसे पहले एक विधुतरोधी पदार्थ की छड़ पर पाईरोलाइटिक क्रिया द्वारा कार्बन की परत बनाई जाती है! पाईरोलाइटिक क्रिया द्वारा निर्मित किए जाने के कारण इन्हे पाईरोलाइटिक फिल्म प्रतिरोध भी कहा जाता है  



4. Metal Film Resistors-  इसको सिरेमिक और नॉन कंडक्टिव मटेरियल (जैसे शीशा )  के छड़ में पतली मेटल फिल्म को अवरोधक के रूप में लपेटा जाता है। इस कारण इसको मेटल फिल्म Resister कहा जाता है।यह फिल्म टिन आक्साइड, प्लैटिनम या निकिल, क्रोमियम के मिश्रण से बनाई जाती है! फिल्म की मोटाई जितनी कम होगी प्रतीरोध का मान भी उसी अनुपात मे अधिक होगा! यह कार्य, क्षमता की दृष्टि से कार्बन फिल्म प्रतिरोधों के समान होता है लेकिन स्थिरता, सटीकता और विश्वसनीयता के लिए उनके गुण से काफी बेहतर होता  हैं। 


5. Fusible Resistor -
 यह प्रतिरोधक Wire Wound Resistor कि तरह ही होते हैं! जब किसी सर्किट की Power Rating एक Specified Value से ज्यादा बढ़ जाती हैतब यह प्रतिरोधक fuse की तरह काम करता है. जिससे यह सर्किट को पावर सप्लाइ से Break या Open कर देता है. इसलिए इस तरह के प्रतिरोध को Fusible प्रतिरोध कहते है. Fusible Resistors एक समय पर दो काम करता है. यह करंट के बहाव को भी कम करता है और उसी समय एक फ्यूज की तरह भी काम करता है!

Fusible Resistor



             
(b)Variable Resistor(परिवर्तनशील प्रतिरोधक)    

वैरिएबल रेज़िस्टर एक रेज़िस्टेंट का प्रकार होता है, जिसका सर्किट मे अपनी जरूरत के अनुसार वोल्टेज या करंट के मान को बदलने के लिए प्रयोग किया जाता है
 परिवर्तनशील प्रतिरोधक कहते है! यह एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल ट्रांसड्यूसर है जो आम तौर पर एक प्रतिरोधक तत्व पर एक संपर्क (वाइपर) को स्लाइड करके काम करता है ऐसे प्रतिरोधक का इसतेमाल रेडियो और टीवी के Volume Control में किया जाता है.




Potentiometer :  यह एक ऐसा प्रतिरोधक है जो कि किसी भी सर्किट में वोल्टेज के लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है. इस प्रतीरोध का कुल Resistance बाहर वाले दोनों टर्मिनल के बीच का Resistance होता है. अब इसके रजिस्टेंस को कंट्रोल करने के लिए बीच वाला टर्मिनल (Wiper) इस्तेमाल में लिया जाता है जिसे कि दाएं या बाएं घुमाने पर इसका रेजिस्टेंस कम या ज्यादा होता है. ऐसे प्रतिरोधक आज भी पुराने टीवी और रेडियो में देखने को मिलता है.



पोटेंशियोमीटर का इस्तेमाल
1-पोटेंशियोमीटर का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में वोल्टेज डिवाइडर के तौर पर किया जाता है।
2-पोटेंशियोमीटर रेडियो और टेलीविजन मे आवाज को कम ज्यादा करने के लिए काम में लिया जाता है।
3.इसका इस्तेमाल मेडिकल उपकरणों में भी किया जाता है।


रिओस्टेट(Rheostat )
रिओस्टेट शब्द ग्रीक शब्द रियोस और स्टैटिस से बना है जिसका मतलब होता है करंट को काबू में करने वाला उपकरण। रिओस्टाट्स का उपयोग ज्यादातर एक सर्किट में प्रतिरोध को अलग करने के लिए किया जाता है। यह एक दो टर्मिनल चर अवरोध करने  वाला 
उपकरण है। रिओस्टेट मे 3 टर्मिनल होते हैं हालांकि इसमें ऑपरेशन करने के लिए केवल 2 टर्मिनल को उपयोग में लिया जाता है। रिओस्टेट का रेसिस्टेंस प्रतिरोधक तथ्व पर निर्भर करता है जिसके माध्यम से विधुत करंट दौड़ रहा होता है ।





रिओस्टेट का उपयोग
1.रिओस्टेट उन उपकरणो में इस्तेमाल में लिया जाता है जहां हाई वोल्टेज और करंट की जरूरत हो।
2.प्रकाश की तीव्रता को बदलने के लिए रियोस्टेट का उपयोग किया जाता है !
3.रिओस्टेट का प्रयोग लाइट बल्ब में प्रवाहित हो रहा इलेक्ट्रिक करंट को कम करने की लिए किया  जाता है। जिस वजह से प्रकाश की चमक कम हो जाती है।

थर्मिस्टर (thermistor
 इस प्रकार के रेसिस्टर का मान तापमान के अनुसार परिवर्तित होता है। अधिकांश थर्मिस्टर में नकारात्मक तापमान गुणांक होता है जिसका मतलब यह है कि तापमान बढ़ने के साथ-साथ इसका रेसिस्टेंस कम हो  जाएगा। थर्मिस्टर सेमीकंडक्टर मैटेरियल से निर्मित होते हैं। थर्मिस्टर्स की मदद से कुछ MΩ (मेगाओम) तक का रेसिस्टेंस प्राप्त किया जा सकता है। थर्मिस्टर का इस्तेमाल छोटे से छोटे तापमान मे हुए परिवर्तन को मापने के लिए किया जाता है। थर्मिस्टर शब्द का अर्थ है थर्मल रेसिस्टर।


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4 Comments

pankaj kumar said…
Sir diode ke bare me ar material ke bare be Bata dijiye
Vip said…
Nice notes...