यह दो टर्मिनल वाली अर्द्धचालक युक्ति है! इसमें दो इलेक्ट्रोड एनोड तथा कैथोड होता है ! एनोड वाला टर्मिनल धनात्मक होता है तथा कैथोड वाला टर्मिनल ऋणात्मक होता है! डायोड का मुख्य कार्य यह होता है कि ये परिपथ में धारा को एक ही दिशा में प्रवाहित करता है तथा दूसरी दिशा मे इसका प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाता है ! जिस कारण दूसरी तरफ से धारा का प्रवाह नहीं होता है डायोड का चित्र तथा Symbol प्रदर्शित किया गया है !
डायोड मे दो पट्टिया होती है एक काले रंग की तथा दूसरी ग्रे (Gray) रंग की ! काले रंग वाला हिस्सा ऐनोड तथा ग्रे रंग वाला कैथोड होता है ! सामान्य ताप पर P- type क्रिस्टल में होल्स की संख्या स्वतन्त्र इलेक्ट्रॉन की संख्या से अधिक तथा N-Type क्रिस्टल में स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन की संख्या होल्स की संख्या से अधिक होती है जब P-Type पदार्थ का क्रिस्टल किसी N-Type पदार्थ के क्रिस्टल से स्पर्श करता है तब दोनो पदार्थो के मध्य P-N संधि बनती है P-N सन्धि केवल P तथा N Type के अर्द्धचालक पदार्थों को पास-पास रखने से नही बनती ! P-N संधि निर्मित करने के लिए एक शुद्ध (Intrinsic) जरमेनियम अथवा सिलिकॉन क्रिस्टल की एक सतह को पांच संयोजकता वाली अशुद्धि से तथा दूसरी सतह को तीन संयोजकता वाली अशिद्ध से क्रिया कराई जाती है संधि बनने के समय पर भी संधि के P भाग में होल्स तथा N भाग में इलेक्ट्रॉन अधिक संख्या में होते है संधि के दोनों ओर आवेश घनत्व समान नही होते जिसके कारण संधि पर विसरण (Diffusion) की क्रिया होती है P-Type पदार्थ के होल्स N-Type पदार्थ में तथा N-Type के स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन P-Type पदार्थ में विसरित हो जाते है एवं संधि के पास के विपरीत आवेशो से संयोग कर उदासीन हो जाते है !
Diode निम्नलिखित प्रकार के होते है !
*जिनर डायोड (Zener diode)
जिनर डायोड p n जंक्शन डायोड ही होता है यह रिवर्स बायसिंग में उयोग किया जाता है जब वोल्टेज बढ़या जाता है तो एक निश्चित वोल्टेज पर ब्रेक डाउन हो जाता है जिससे अधिक मात्रा में रिवर्स धारा प्रवाहित होने लगती है जिसे जिनर वोल्टेज या ब्रेक डाउन वोल्टेज कहते है अर्थात धारा के अधिक रेंज में वोल्टेज का मान लगभग नियत रहता है इसका उपयोग वोल्टेज रेगुलर परिपथ में वोल्टेज को नियत रखने के लिए किया जाता है !
*टनल डायोड (Tunnel diode)
यह एक दो टर्मिनल वाली युक्ति है इसके अविष्कारक "लियोइसाकी" है इसे इसाकी डायोड भी कहा जाता है यह डायोड जर्मेनियम अथवा गैलियाम आर्सेनाईड द्वारा बनाया जाता है क्योकि इन पदार्थों में इलेक्ट्रॉन मोबिलिटी( Mobility) उच्च होती है जिसके कारण जंक्शन ब्रेक डाउन आसानी से हो जाता है तथा डिपलिशन परत ( depletion लेयर) की चौड़ाई काम हो जाती है यह फारवर्ड बायसिंग में कार्य करता है !
* लाइट ऐमिटिंग डायोड (Light Emitting Diode)
इसे प्रकाश ऊत्सर्जक डायोड भी कहते है यह PN जंक्शन डायोड होता है यह फॉरवर्ड बायसिंग पर कार्य करता है N टाइप के इलेक्ट्रॉन जंक्शन पार करके P टाइप में प्रवेश करते है तो P टाइप में मौजूद होल्स के साथ संयोग करके प्रकाश का उत्सर्जन करते है इन्हें गैलियम आर्सेनाइड(GaAs), या गैलियम आर्सेनाइड फॉस्फाइड (GaAsP), गैलियम फास्फेट ( GaP) अर्धचालको का प्रयोग करके बनाया जाता है
* वरैक्टर डायोड( Varractor Diode)
यह PN जंक्शन डायोड की भांति होता है रिवर्स बायस PN जंक्शन एक आवेशित संधारित्र की तरह होता है P तथा N क्ष्रेत्र में बहुसंख्य वाहक की उपस्थिति के कारण इन क्षेत्रों का प्रतिरोध बहुत काम होता है तथा Depletion Region में आवेश वाहक न होने के कारण यह विधूतरोधी के समान कार्य करता है जैसे जैसे रिवर्स वोल्टेज बढ़ाई जाती है Depletion Region की मोटाई बढ़ती है जिससे जंक्शन की धारित कम हो जाती है इसी प्रकार फॉरवर्ड बायस में बढ़ाने पर Depletion Region की चौड़ाई कम हो जाती है तथा जंक्शन पर धारिता बढ़ती है
* शॉटकी डायोड ( Schottky Diode)
यह डायोड भी PN जंक्शन डायोड होता है जिसका एक ओर का सिरा सोना, चांदी, या प्लेटिनम धातु का बना होता है तथा दूसरी ओर का भाग सामन्यतः सिलिकॉन का बना होता है इस डायोड में दोनों ओर अर्थात P Type तथा N Type में बहुसंख्यक आवेश वाहक इलेक्ट्रॉन होते है इसका उपयोग उच्च आवृत्ति की तरंगों के दिष्टिकरण के लिए किया जाता है
*फ़ोटो डायोड (Photo Diode)
फ़ोटो डायोड रिवर्स बायसिंग पर कार्य करने वाली PN जंक्शन डायोड है फ़ोटो डायोड में जंक्शन पर प्रकाश पड़ने का स्थान बना होता है जिसपर प्रकाश पड़ने पर फ़ोटो डायोड में धारा का मान बढ़ता है जब रिवर्स बायसिंग में PN डायोड पर प्रकाश नही पड़ता तब डायोड में धारा रिवर्स बायस वोल्टेज पर निर्भर नही करती तथा धारा का मान नियत रहता है इसका प्रयोग फ़ोटो युक्तियो, कम्प्यूटर, टेप रिकॉर्डर तथा प्रकाश नियंत्रण स्विच में किया जाता है
0 Comments